आखिर घुटनों में दर्द क्यूँ होता है ?
घुटने शरीर का वो अंग हैं जो हमारे पुरे शरीर का भर उठता है या यु कहें की घुटना हमारे लिए वेटलिफ्टर का काम करना है तो ये बात ज्यादा अहमियत रखेगा क्यूँ की हम।रा वजन उसी पर टिकता है | घुटने की हड्डी को जोड़ने वाले सिरे में एक तरह का कार्टिलेज होती है जो चिकनी और रबर के सामान मुलायम टिश्यू का एक समूह होती है और यह घुटनों के सही से चलाने में मदद करती है ।
घुटने शरीर का वो अंग हैं जो हमारे पुरे शरीर का भर उठता है या यु कहें की घुटना हमारे लिए वेटलिफ्टर का काम करना है तो ये बात ज्यादा अहमियत रखेगा क्यूँ की हम।रा वजन उसी पर टिकता है | घुटने की हड्डी को जोड़ने वाले सिरे में एक तरह का कार्टिलेज होती है जो चिकनी और रबर के सामान मुलायम टिश्यू का एक समूह होती है और यह घुटनों के सही से चलाने में मदद करती है ।
चोट लगने से इस कार्टिलेज को नुकसान होता है, या
बुढ़ापा के कारण यह कार्टिलेज धीरे-धीरे
घिसने लगता है और घुटने के दर्द या सुजन शुरु हो जाती है । परंतु ऐसा कईं बार देखा गया है कि किसी प्रकार की चोट न
लगने के बावजूद भी लोग अर्थराइटिस और कईं तरह के रोगों से पीड़ित हो रहे हैं । ऐसा
इसलिए हैं क्योंकि इसके और भी कारण हैं, आइए जानते हैं वो कारण और क्या हैं
मोटापा
या वजन अधिक होना : इस बात
का आप अवश्य ध्यान रखिए कि यदि आपका वजन अधिक है या आप किसी प्रकार से मोटापे
के शिकार हैं तो भविष्य में पूरी उम्मीद है कि आपको घुटनों या जोड़ों में दर्द हो
सकता है । ऐसा इसीलिए है क्योंकि अगर आपके शरीर का वज़न ज़्यादा
है तो शरीर का सारा वज़न घुटनों पर होगा और इसवजह से घुटनों में दर्द होगा ही ।
पैरों
की कमज़ोरी के कारण : कुछ लोगों के
पैरों में कुछ कमज़ोरी होती है, जैसे उनके पैर सीधे न होकर थोड़े टेड़े या मुड़े होते
हैं तो ऐसे में
शरीर का वजन एक ही घुटने पर जाता है, जिससे घुटनों में
दर्द और गठिया होने की संभावना बढ़ जाती है । पैर की ऐसी कमज़ोरियां सर्जरी द्वारा
ठीक हो सकती है ओर्थपेडीक डॉक्टर से मिल कर इसका समाधान कराएँ |
कुछ कामों के कारण : कुछ ऐसे काम , धंधे होते हैं जिसमें घुटनों के
सहारे या पैरों को मोड़कर पूरे दिन बैठना पड़ता है, जैसे
कारपेंटर, इलेक्ट्रीशियन, दुकानदार
ऑफिस
में भी पुरे दिन काम करने वाले आदि
। पूरे दिन घुटनों को मोड़कर रखने से ऐसे लोगों में घुटनों के दर्द की संभावना
अधिक हो जाती है, परंतु फिज़ियोथैरेपी और
नियमित व्यायाम की सहायता से इस समस्या से राहत मिल सकती है । फिर
भी ठीक न हो तो डॉक्टर से सलाह ले सकते हैं
संक्रमण
के कारण: कभी-कभी टीबी और
बैक्टीरियल संक्रमण की वजह
से भी घुटनों से जुड़ी दिक्कतें आ सकती हैं । इंन्फेक्शन की वजह से घुटनों में
दर्द, सूजन मोच या फिर अकड़न आने की शिकायतहो सकती है ।ऐसे में
दर्द का कारण जानने के लिएखून की जांच, एक्स-रे, एमआरआई स्कैन आदि कराना पड़ता है । योग्य चिकित्सक से मिल कर इसका उपचार जाने |
ट्यूमर: घुटनों में दर्द या
सूजन आना कभी-कभी कैंसर के लक्षण भी हो सकते हैं । यदि शरीर में कैंसर या ट्यूमर
जन्म ले चुका है तब भी यह होता हैं, परंतु ऐसे में लोग इसे पहचान नहीं पाते । कैंसर
या ट्यूमर की वजह से हो रहे घुटनों के दर्द से छुटकारा एक्स-रे, एमआरआई स्कैन, बायोप्सी या सर्जरी
द्वारा संभव है ज्यादातर ये कंधे में होता पर कुछ घुटने में भी देखे गये
हैं |
अधिक जिम या कसरत के कारण:हर व्यक्ति अपने पूरे जीवन में फीट रहना चाहता
है और बढ़ती उम्र के साथ फिट रहना एक चुनौती है, लेकिन कभी-कभी कुछ लोग फिट रहने के चलते अपनी उम्र और
शारीरिक क्षमता से अधिक उछल-कूद जिम मेकरते हैं, जिनसेउन्हें घुटनों की समस्या होनी शुरु हो जाती है । वजन
सोच समझ कर उठायें अगर जिम में जाते हैं तो |
ओस्टियोअर्थराइटिस
: कुछ केसों में कार्टिलेज पूरी तरह घिस
जाता या खराब हो जाती है और घुटनों में
अकड़न के साथ पीड़ा का अनुभव होता है, इसे ही ओस्टियो अर्थराइटिस कहते हैं, यह बहुत पीड़ादायक क्षण है, परंतु यदि भार को नियंत्रित किया जाए,फिज़ियोथैरेपी के साथ सही दवाइयां ले ली जाए तो, इससे बचा जा सकता है ।इस जगह पर होमियोपैथी दावा काफी कारगर हो
सकती है |
दिनचर्या में लायें
बदलाव :
घुटनों में दर्द होना कोई बीमारी नहीं है, बल्कि ख़राब जीवनशैली का ही
परिणाम है ।इससे पूरी तरह बचा जा सकता है, बस शर्त इतनी है कि लोगों को अपने
जीने के तौर तरीके को बदलकर हेल्दी लाइफस्टाइल फॉलो करें :
डाइट में जितना हो सके कैल्शियम को शामिल करें और इसके अलावा बादाम, सोया और हरी सब्ज़ियों का सेवन करें । याद रखिए फैट बढ़ाने वाली भोजन
न लें ।
विटामिन-डी का भोजन में भरपूर प्रयोग करें, इसके अलावा पर्याप्त मात्रा में धूप लें । विटामिन- डी की कमी को
पूरा करने के लिए अंडों का भी भरपूर सेवन करें ।
मोटापा या अधिक वज़न हैं तो उसे नियंत्रित करें । योग करें, व्यायाम करें, पानी अधिक पीएं और जितना हो सके फैट
बढ़ाने वाले भोजन से दूर रहें ।डब्बा बंद खाना या जिसमे रसायन हो वो न लें |
ध्यान रहें कि अगर दौड़ लगा रहे हैं तो घास, रेत या बालू वाली सतह पर ही दौड़ें, किसी सीमेंट वाली
या ठोस जगह पर न दौड़ें, घुटनों पर दबाव आता है, जिससे तकलीफ हो सकती है ।आज कल लोग सड़क पर ख़राब जूते पहन कर या
नंगे पैर दौड़ रहे जो बिलकुल गलत है
घुटनों में दर्द, सूजन यदि लंबे समय तक रहती है तो इसे
हल्के में न लें,
फौरन किसी ऑर्थोपेडिक यानी हड्डी रोग के विशेषज्ञ से कंसल्टेशन का समय लें ।
विटामिन डी ३ की समय समय
पर जांच और थाइरोइड पर भी ध्यान देना जरूरी है |
कब करें आइसिंग और
कब करें गर्म सिकाई
घुटनों के दर्द
के लिए 5
एक्सरसाइज़
1.प्लैंक अगर आपका पेट
मज़ूबत है यानी आपका पेट दबाव झेल सकता है तो या यु कहें की पेट बाहर नही निकला है
तो यह आपके घुटनों पर दवाब नहीं आने देगा । प्लैंक एक्सरसाइज़ सही आकार विकसित
करने में मदद कर सकता है और मांसपेशियों की थकावट को दूर करता है । अगर आपका आकार
सही नहीं है तो यह चीज़ आपके घुटनों पर दवाब बढ़ा देती है।
2.स्टेप अप्स : यह एक्सरसाइज़
जोड़ों पर दवाब आने नहीं देती । अपने बाएं पैर को किसी दिवार बैंच पर रखें और शरीर
को ऊपर की ओर उठाएं । कुछ समय तक इसी अवस्था में रहें, इसके बाद पैर को नीचे लाएं और फिर दाएं पैर
से इस प्रक्रिया को दोहराएं । इसमें धयान रखने योह है दिवार और बेंच की
उचाई उचीत ही हो जिससे घुटनों पर जोर न पड़े |
3.स्कवॉट : यह एक्सरसाइज़
घुटनों पर दवाब को कम करती हैं और मांसपेशियों को बेहतर बनाने में मदद करती हैं ।
अपने दोनों हाथ सामने की ओर रखें। छाती को बाहर निकालते हुए सीधा खड़ा हो जाएं, धीरे से घुटनों को इस प्रकार मोड़ें जैसे आप
कुर्सी पर बैठते हैं। ये ब्यायाम सबसे
उपयुक्त है | ये सभी कर सकते और बिना जोखिम के
|
4.घुटने मोड़ें यह एक बहुत
कारगर और पुरानी एक्सरसाइज़ है । यह बेजान हो चुकीं मांसपेशियों को सक्रिय करने में
मदद करती हैं। ये आपके घुटनों को सक्रिय बनाने में मदद करती हैं। आप सबसे पहले एक पैर
पर खड़े हो जाएं,
कूल्हों को पीछे
की ओर धकेलें,
छाती को आगे की
ओर ले जाएं,
अब धीरे से
घुटनों को मोड़ें । इस अवस्था में कम से कम 10 सेंकेंड तक रहें। ज्यादा बुजुर्ग
लोग इसे देख रेख में ही करें |
5.नी- एक्सटेंशन
एक्सरसाइज़ :इस एक्सरसाइज़
की सबसे बड़ी खूबी है कि यह घुटनों में रक्त प्रवाह को रुकने नहीं देती, उसे एक्टिव रखती है । इसके लिए आप एक पैर पर
खड़े हो जाएं, फिर 90
डिग्री के एंगल
से पैर को उठाएं,
इसके बाद 10 सेंकेंड तक पैर को उठाएं और फिर ऐसे ही वापस लायें
।
कब करें आइसिंग और
कब करें गर्म सिकाई
यह एक आवश्यक सूचना है ।
घुटनों की सिकाई
करने की लोगों को जानकारी नहीं होती । घुटनों या शरीर के किसी भी भाग में कोई दर्द
हो, वह बिना जाने उसकी सिकाई शुरु कर देते हैं । याद रखिए कि अगर घुटने
में दर्द अधिक हो तो आइसिंग यानि बर्फ की सिकाई करनी चाहिए ।
अगर दर्द का चोट पुरानी और सहन योग्य है, तब गर्म पानी की सिकाई करना ठीक है। याद रहे कि अगर घुटनों में चोट
लगी है, कोई अंदरुनी घाव है जो पीड़ा दे रहा है तो उस समय आइसिंग का प्रयोग
करें और अगर दर्द पुराना है तो गर्म या गुनगुने पानी से सिकाई करें
दवाईयों का अधिक
सेवन किडनी और लीवर को डैमेज कर सकता है।
घुटने के दर्द में
सोयें कैसे |
तकिए का सहारा
घुटनों के दर्द में एक आरामदायक नींद के लिएआप तकिए का उपयोग कर
सकते हैं ।आप तकिए को लगा सकते हैं:
•अपने घुटनों के बीच, यदि आप सीधे सोते हैं ।
•अपने घुटनों के नीचे, अगर आप अपनी पीठ के बल सोते हैं ।
गर्मी और सर्दी
गर्मी और ठंड आपको दर्द और सूजन का प्रबंधन करने में मदद कर सकती
हैं।
निम्नलिखित टिप्स मदद कर सकती हैं:
•बिस्तर में जाने से 15-20 मिनट से पहले हीटिंग पैड या आइस पैक
का प्रयोग करें।
•रात के समय गर्म पानी की बोतल से सेक कर सकते हैं
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ज्ञानपरक
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