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सोडियम पोटेशियम रक्त परीक्षण क्या है?

सोडियम पोटेशियम रक्त परीक्षण क्या है ? रक्त परीक्षण एक परीक्षण है जहां एक रोगी के रक्त का प्रयोगशाला में विश्लेषण किया जाता है। रक्त का उपयोग शरीर में विभिन्न पोषक तत्वों , एंजाइमों और अन्य पदार्थों को शरीर के चारों ओर ले जाने के लिए किया जाता है। रक्त का उपयोग शरीर से अपशिष्ट को हटाने और उन अंगों तक पहुंचाने के लिए भी किया जाता है जो अपशिष्ट निपटारन के लिए जिम्मेदार होते हैं। एक रक्त परीक्षण आमतौर पर बस कुछ ही मिनट लगते हैं और किसी भी स्थानीय क्लिनिक में पूरा किया जा सकता है। एक मूत्र परीक्षण एक परीक्षण है जहां एक प्रयोगशाला में विश्लेषण के लिए रोगी से मूत्र का एक नमूना एकत्र किया जाता है। मूत्र मानव शरीर में उत्पादित तरल अपशिष्ट है। एक निदान की दृष्टि से , मूत्र महत्वपूर्ण है क्योंकि इसका उपयोग यह समझने के लिए किया जा सकता है कि रसायन और पदार्थ शरीर को क्या छोड़ रहे हैं। इलेक्ट्रोलाइट्स मानव शरीर के लिए महत्वपूर्ण पदार्थ हैं जो शारीर   अस्नायु में करंट का संचालन कर सकते हैं। मानव शरीर में इलेक्ट्रोलाइट संतुलन अच्छे स्वास्थ्य के लिए अत्यंत आवश्यक है। एक सोडियम पोटेशियम रक्त प

बाइपोलर डिसऑर्डर क्या होता है ?

  मेडिकल जगत में बहुत प्रकार के रोग हैं, परंतु कुछ रोग ऐसे होते हैं जिनसे छुटकारा पाना आसान नहीं होता क्यूंकि   रोग शारीरिक न होकर मानसिक जब हो तो रोगी इससे अनभिज्ञ होता है । इसी प्रकार का एक मानसिक रोग है | जिसका नाम बाइपोलर डिसऑर्डर है ( Bipolar disorder) . बाइपोलर डिसऑर्डर क्या होता है ? यह एक तरह का मानसिक रोग है , जिसमें मन लगातार कई हफ़्तो या महिनों तक या तो उदास और दुखी रहता है या फिर बेहद खुश रहता है । उदासीनता की स्थिति में नेगेटिव विचार आते हैं । यह एक ऐसा रोग है जो 100 लोगों में से किसी एक इंसान को कभी न कभी होता है ।     14 से 19 साल के बीच के बच्चों में यह बीमारी देखी जाती है जिसमे महिला और पुरुष दोनों प्रभावित होते हैं । इस रोग की विशेषता है की   40 साल होने के बाद इसके होने की संभावना कम हो जाती है । मानसिक रोग , है तो ये दो अलग शब्द पर ये एक बड़े मानसिक विकार को जोड़ते हैं । एक का मतलब है मनोदशा में बदलाव , जो प्राकृतिक होता है ब्यक्ति का है और दूसरा है अवसाद यानि उदासीनता । ये दो विकार व्यक्ति में बाइपोलर डिसऑर्डर को जन्म देते हैं ।   बाइपोलर डिसऑर

आखिर घुटनों में दर्द क्यूँ होता है ?

आखिर घुटनों  में दर्द क्यूँ होता है ? घुटने शरीर का वो अंग हैं    जो हमारे पुरे शरीर का भर उठता है या यु कहें    की घुटना हमारे लिए वेटलिफ्टर का काम करना है तो ये बात ज्यादा अहमियत रखेगा क्यूँ की हम।रा वजन उसी पर टिकता है   |  घुटने की हड्डी को जोड़ने वाले सिरे में एक तरह का कार्टिलेज होती है जो चिकनी और रबर के सामान   मुलायम टिश्यू का एक समूह होती है और यह घुटनों के सही से चलाने में मदद करती है ।   चोट लगने से इस कार्टिलेज को नुकसान होता है ,  या बुढ़ापा के कारण   यह कार्टिलेज धीरे-धीरे घिसने लगता है और घुटने के दर्द या   सुजन   शुरु हो जाती है । परंतु ऐसा कईं बार देखा गया है कि किसी प्रकार की चोट न लगने के बावजूद भी लोग अर्थराइटिस और कईं तरह के रोगों से पीड़ित हो रहे हैं । ऐसा इसलिए हैं क्योंकि इसके और भी कारण हैं ,  आइए जानते हैं   वो कारण और क्या हैं   मोटापा या वजन अधिक होना : इस बात का आप अवश्य ध्यान रखिए कि यदि आपका वजन अधिक है या आप किसी प्रकार से मोटापे के शिकार हैं तो भविष्य में पूरी उम्मीद है कि आपको घुटनों या जोड़ों में दर्द हो सकता है । ऐसा इसीलिए है क्योंकि अ

swast santaan k liye nuskhe tips for delivery of healthy baby संतान की उत्त्पत्ति के लिए कुछ जरूरी नुस्खने

swast santaan k liye nuskhe tips for delivery of  healthy baby हिंदी में    स्वस्थ संतान की उत्त्पत्ति के लिए कुछ जरूरी नुस्खने स्वस्थ संतान के लिए नवमास प्रयोग यहाँ मैं गर्व काल के  लिए जो चिकित्सा क्रम दिया है उसका यथावत पालन करने से  गर्व काल के दौरान न सिर्फ तकलीफों से बचे रहेंगी बल्कि होने वाली संतान  स्वस्थ सुंदर  और  बुद्धिमान होगा | यह चिकित्सा क्रम महान चिकित्सा ग्रन्थ चरक संहिता के शारीर के  अस्थान में वर्णित है | अगर सही से पालन किया गया तो न कैल्शियम आयरन की गोली नहीं खानी पड़ेगी | पहला महीना   | गर्भ के पहले महीने में  उक्त महिला को सवेरे शाम देशी गाय के एक गिलास दूध में मिश्री मिला कर पिने के लिए देना चाहिए  | calcaria phos 6x की चार गोली दिन भर में तीन बार देनी चाहीये  | इतना धयान रखें की जब भी यह  दवा सेवन करें आधा  घंटा कुछ न खाएं  | दूसरा महीना : गर्भ काल के दुसरे महीने में १० ग्राम शतावर का महीन चूर्ण तथा मिश्री मिला कर गाय का दूध को खूब औटायें और गुनगुना रहते ही पियें घुट घुट कर के यह सवेरे और रात को करना  है | calcaria phos 6x की चार गोली दिन भर में

( पित्त की पत्थरी ) पत्थरी को कैसे गलाएँ | GALLSTONE KO KAISE GLAYEN

गाल ब्लैडर में पथरी बनना एक भयंकर पीड़ा दायक रोग है| इसे ही पित्त पथरी कहते हैं | पित्ताशय  में दो तरह की पत्थरी बनती है | प्रथम कोलेस्ट्रोल निर्मित पत्थरी और दूसरी पिगमेंट से बन्नने वाली  पत्थरी | ध्यान देने योग्य है की 80% पत्थरी कोलेस्ट्रोल तत्वा से बनी रहती है | वैसे तो यह रोग किसी को भी किसि आयु में हो सकती है लेकिन महिलाओं में इस रोग क होने की संभवाना पुरुषो की तुलना में दोगुना हुआ करती है | पित्त लीवर में बनता है और इसका भण्डारण गाल ब्लैडर में होता है यह पित्त वसा युक्त भोजन को पचाने  में मदद करता है | जब इस पित्त में कोलेस्ट्रोल और बिलीरुबिन की मात्र जादा होती है तो पत्थरी निर्माण के लिए उपयुक्त इस्थिति बन जाती है | प्रेगनेंसी ,मोटापा ,मधुमेह अधिक बैठने रहने की जीवन शैली  तेल घी की अधिकता वाले भोजन और शारीर में खून की कामी से पित्त पत्थरी की संभावना बढ़ जाती है | दो या दो से अधिक बच्चो की माताओं में भी इस रोग की प्रबलता देखि जा सकती है | अब निचे कुछ घरेलु उपचार और होम्योपैथी द्वारा उपचार प्रस्तुत कर रहा हूँ जिनका उपयोग करने से इस भयंकर रोग से होने वाले पीड़ा में राहत मि

संभल जाना है डेंगू नहीं होने देना है कोरोना के समय DONT LET DENGU TO PROPAGATE DURING CORONA VIRUS

सावधान !!!!!! डेंगू का समय नजदीक है और कोरोना का प्रकोप भी बढ़ रहा है लगातार | क्या होगा जब डेंगू और कोरोना दोनों का मेल हो जायेगा | CORONA AND DENGU DIFFERENCE आईये देखे डेंगू के लक्षण  The mosquito name  ,  Aedes aegypti is  responsible for, dengu fever is caused by this female mosquito.  Dengue fever causes a high fever  104 F degrees and at least two of the following symptoms:   Headache Muscle, bone and joint pain  Nausea Vomiting Pain behind the  eyes Swollen gland  Rash Signs and symptoms of dengue hemorrhagic fever or severe dengue  a life-threatening emergency  include  :Severe abdomina pain   pain  Persistent vomiting Bleeding from your gums or nose Blood in your urine, stools or vomit Bleeding under the skin, which might look like bruising Difficult or rapid breathing Cold or clammy skin (shock) Fatigue Irritability or restlessness we have dengu    vaccine   Dengvaxia,   but it is not so effective to due to its age limit from 9