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Abscess

  what is abscess? abscess is a collection of pus and  infected suppuration in or the skin mainly on epidermis and dermis layer are involved. what are the causes of abscess ? skin abscess is commonest skin problem in all age caused mainly due  to infection and matarial collected in the skin .abscess are mainly bactrial infection which is staphylococcus. it can occur any where in the body. symptom  skin lession which may be open or blind  reddned lession  localised swelling and induration  tender and warm affected area   fever or chills in some cases medical advices  keep your skin dry clean your body regularly and detox it on time to time   homoepathic advices arnica montana  hepersulph  cal carb silicea pyrogen  best homoeopathic doctor in patna  best in boring road  best doctor near me  best doctor for eczema best doctor for skin disease best doctor in dermatology  best doctor psoriasis  best doctor for skin complain best skin doctor for acne  best skin doctor pimples  best for treat

डायबिटीज घर में कण्ट्रोल कीजिये घरलू उपाय कर के |

आज कल लोग metformin , glycomet जैसे टेबलेट रोज सुबह सुबह प्रसाद की तरह खा रहे मानो और उपाय भी क्या है ऐसे दवाओ से ही तो शुगर कण्ट्रोल करने की कोशिश की जाती है , जिसका परिणाम ये है की इन दवाइयों से गैस , अपच ,डायरिया और पेट दर्द जैसी समस्या पैदा हो जाती है | अधिक वजन मोटापा हाई ब्लड प्रेशर स्ट्रेस इसके कुछ जीवंत वजह हैं | who की माने तो 422 मिलियन लोग इससे प्रभवित थे जो पहली रिपोर्ट आई थी पर आज ये आंकड़ा चार गुना बढ़ चूका है वही भारत में 73 मिलियन लोगो इसके प्रभाव में हैं | पर कभी आपने सोचा है की डायबिटीज जैसे बढ़ी है वैसे आप उसको कण्ट्रोल भी कर सकते हैं | जो भी हुआ आपके शारीर ने बढाया है तो आप उसको एक मौका दीजिये की वो कण्ट्रोल करे | सही डॉक्टर उसकी सही सलाह एक्सरसाइज योग द्वारा मन को शांत रख कर कण्ट्रोल कर सकते हैं |   कण्ट्रोल करने के तरीके  मेथीदाना  रसोई में सबके मिल जायेगा आसानी से | फाइबर और सेपोनीन से भरपूर होंता है यह कार्बोहायड्रेट को अच्छे से पचता है और सोचने में आतों क मदद करता है इस्क्को आप खाने में इस्तेमाल भी कर सकते हैं  कैसे करें प्रयोग डायब

ब्रैस्ट फीडिंग / breast feeding

ब्रैस्ट फीडिंग / breast feeding   ब्रैस्ट फीडिंग के बहुत सारे लाभ हैं | इससे ना सिर्फ बच्चे बल्कि माँ को भी जीवन भर के स्वास्थ का बढ़ावा देता है | माँ का दूध एक काम्प्लेक्स फार्मूला का दूध होता है साथ वो बच्चे के  लिए जीवित पदार्थ है जो कई रोग से  लड़ने और स्वास्थ को बढ़ावा देता है | माँ का शरीर एंटीबाडी जल्दी बनाता है बच्चे के वनिस्पत और वह बच्चे को सुरक्षा और पोषक तत्वा प्रदान करती है | जब भी एक बच्चे या माँ किसी नए रोगाणु के संपर्क में आते  है तो  माँ के इम्यून सिस्टम इश रेस्पोंस से एंटीबाडी का निर्माण करता है जो माँ के दूध में जल्द दिख जाता  है |  शिशु को होने वाले लाभ स्तनपान करने वाले शिशु को जुकाम ,साँस सम्बन्धी इन्फेक्शन , कान में संक्रमण और इन्फ्लुनेज़ा जैसे रोग अपेक्षित कम होते हाँ |  स्तनपान करने वाले  बच्चो में उनके पाचन क्रिया को सुचारू करता है और दुसरे वैसे बच्चे जो स्तनपान नही करते उनमे 16 गुना कम होता है |  crohon's disease, irritated bowl syndrome,colitis   जैसे रोगों से बचाव होता है | स्तनपान ३ महीने तक किये हुए बच्चो में  जुवेनाइल डायबिटीज का खतरा

What is hepatitis? and what are Types of hepatitis ?

#Hepatitisvirus What is hepatitis?   and what are Types of hepatitis ? Any thing which causes   liver to be inflamed which manifests   as abnormal liver functional test is hepatitis Commonest   causes of hepatitis is viral hepatitis   the causes are   alcoholic   non alcoholic fatty liver diseases as well as drugs induced. Viral hepatitis Hepatitis can be   either   acute   or chronic   We   need to understand   that different   type of virus causes different   type of viral hepatitis  in which  A   AND   E   cause   acute one  whereas     B and C cause chronic   hepatitis. Once you have   hepatitis  its   lasts   for   less than 6   month  than that is   acute   hepatitis   while  if you have   chronic  hepatitis   the   infection lasts for more than 6 month and   keeps on infecting  then it is   chronic hepatitis. Overall   viral Hepatitis is a major health problem in india so much so   that is equals    to big three disease and morbidity caused by malaria tb

इम्युनिटी कितने प्रकार के होते हैं ?और कोरोना होने पर इससे कितने दिन के लिए इम्यून रह सकते हैं हमलोग ?

ह्मोयूमोरल इम्युनिटी ( humoral immunity ) और दूसरा है सेल मेडीयेटेड ( cell mediated immunity)  | ह्मोयूमोरल इम्युनिटी ( humoral immunity )क्या होता है ? आईये  थोडा बिस्तार से जाने , हमारे शरीर में मैक्रोमोलेक्यूलस  होते है जैसे  एंटीबॉडीज, प्रोटीन सप्लीमेंट और कुछ एंटीमाइक्रोबियल पेप्टाइड्स | ह्यूमर या  ह्मोयूमोरल इम्युनिटी   (  इम्यूनिटी को इसलिए नाम दिया गया है क्योंकि इसमें ह्यूमरस (humors)  या शरीर के तरल पदार्थों (body fluids )में पाए जाने वाले तत्व  शामिल होते हैं| ह्मोयूमोरल इम्युनिटी प्रतिक्रिया में , पहले बी कोशिकाएं (b –c ells ) अस्थि मज्जा ( bone marrow) में परिपक्व (matures) होती हैं और बी-सेल रिसेप्टर्स ( b-cell receptors/ बीसीआर) प्राप्त करती हैं जो कोशिका की सतह पर बड़ी संख्या में प्रदर्शित (imbedded or displayed on cell surfaces) होती हैं। इन झिल्ली-बद्ध प्रोटीन परिसरों ( membrane   bounded complex   ) में एंटीबॉडी होते हैं जो एंटीजन ( antigens) पहचान के लिए विशिष्ट (specified) होते हैं। प्रत्येक बी सेल में एक अद्वितीय (specific ) एंटीबॉडी होता

सोडियम पोटेशियम रक्त परीक्षण क्या है?

सोडियम पोटेशियम रक्त परीक्षण क्या है ? रक्त परीक्षण एक परीक्षण है जहां एक रोगी के रक्त का प्रयोगशाला में विश्लेषण किया जाता है। रक्त का उपयोग शरीर में विभिन्न पोषक तत्वों , एंजाइमों और अन्य पदार्थों को शरीर के चारों ओर ले जाने के लिए किया जाता है। रक्त का उपयोग शरीर से अपशिष्ट को हटाने और उन अंगों तक पहुंचाने के लिए भी किया जाता है जो अपशिष्ट निपटारन के लिए जिम्मेदार होते हैं। एक रक्त परीक्षण आमतौर पर बस कुछ ही मिनट लगते हैं और किसी भी स्थानीय क्लिनिक में पूरा किया जा सकता है। एक मूत्र परीक्षण एक परीक्षण है जहां एक प्रयोगशाला में विश्लेषण के लिए रोगी से मूत्र का एक नमूना एकत्र किया जाता है। मूत्र मानव शरीर में उत्पादित तरल अपशिष्ट है। एक निदान की दृष्टि से , मूत्र महत्वपूर्ण है क्योंकि इसका उपयोग यह समझने के लिए किया जा सकता है कि रसायन और पदार्थ शरीर को क्या छोड़ रहे हैं। इलेक्ट्रोलाइट्स मानव शरीर के लिए महत्वपूर्ण पदार्थ हैं जो शारीर   अस्नायु में करंट का संचालन कर सकते हैं। मानव शरीर में इलेक्ट्रोलाइट संतुलन अच्छे स्वास्थ्य के लिए अत्यंत आवश्यक है। एक सोडियम पोटेशियम रक्त प

बाइपोलर डिसऑर्डर क्या होता है ?

  मेडिकल जगत में बहुत प्रकार के रोग हैं, परंतु कुछ रोग ऐसे होते हैं जिनसे छुटकारा पाना आसान नहीं होता क्यूंकि   रोग शारीरिक न होकर मानसिक जब हो तो रोगी इससे अनभिज्ञ होता है । इसी प्रकार का एक मानसिक रोग है | जिसका नाम बाइपोलर डिसऑर्डर है ( Bipolar disorder) . बाइपोलर डिसऑर्डर क्या होता है ? यह एक तरह का मानसिक रोग है , जिसमें मन लगातार कई हफ़्तो या महिनों तक या तो उदास और दुखी रहता है या फिर बेहद खुश रहता है । उदासीनता की स्थिति में नेगेटिव विचार आते हैं । यह एक ऐसा रोग है जो 100 लोगों में से किसी एक इंसान को कभी न कभी होता है ।     14 से 19 साल के बीच के बच्चों में यह बीमारी देखी जाती है जिसमे महिला और पुरुष दोनों प्रभावित होते हैं । इस रोग की विशेषता है की   40 साल होने के बाद इसके होने की संभावना कम हो जाती है । मानसिक रोग , है तो ये दो अलग शब्द पर ये एक बड़े मानसिक विकार को जोड़ते हैं । एक का मतलब है मनोदशा में बदलाव , जो प्राकृतिक होता है ब्यक्ति का है और दूसरा है अवसाद यानि उदासीनता । ये दो विकार व्यक्ति में बाइपोलर डिसऑर्डर को जन्म देते हैं ।   बाइपोलर डिसऑर